सभी देवासी समाज बन्धुओं को राम राम सा।
आज हम आपके लिए फिर से हाजिर हुए हैं देवासी समाज की कविता लेकर।
हमें यह कविता देवासी समाज के बंधू भाई रामेश्वर जी देवासी ने इस वेबसाइट के अंत में दिये गए Contact Form के द्वारा भेजी हैं।
हमारी टीम को यह कविता बहुत ही अच्छी लगी, इसीलिये हमने इस वेबसाइट पर प्रकाशित की ।
आप इस कविता को पूरी पढिये और अधिक से अधिक शेयर करें ।
रामेश्वर राय देवासी
निश्चित ही आपको यह कविता अच्छी लगी होगी । यह कविता हमारे समाज के ही भाई-बंधू ने लिखी हैं, हम सबको ऐसी प्रतिभा का सम्मान करना चाहिए। ऐसे लोग अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को विकसित और जागृत करने का प्रयास कर रहे हैं ,
यह बात सही भी हैं कि "तलवार से तेज धार कलम की होती हैं।"
हमारी टीम की ओर से देवासी समाज पर लिखी इस सुन्दर कविता के रचनाकार भाई रामेश्वर जी को बधाई और धन्यवाद ।
हम आप सभी से यह आग्रह करते हैं कि अगर आपके पास खुद के द्वारा लिखी देवासी समाज की कविताएँ, लेख, कहानियाँ और इतिहास से सम्बन्धित जानकारी हो तो आप हमें भेज सकते हैं।
अगर आपके विचार समाज के लिये वाकई शानदार है तो हम जरूर इसे वेबसाइट पर प्रस्तुत करेंगे।
हमें अपनी कविताएँ और लेख भेजने के लिए इस वेबसाइट के सबसे अंत में दिए गए Contact Form के कॉलम को भरकर हमें भेज दीजिए।
||::|| धन्यवाद ||::||
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नदी, जंगल और पहाड़ों की तलहटियों में सुन्दर सुन्दर जहां है ढाणियां। चाहे मुरधर के उन रेतीले धोरों से या अरावली के ऊंचे पहाड़ो पे, आज भी गुंज रही देवासियों की कहाणिया। युगों युगों से जिते आए हैं हम ईमानदारी से, मर मिटते सत्य और वचनों की जवाबदारी पे। लेकिन मेहरबानो की इस दुनिया में, किसने हमको परखा। सदियाँ बित गई ना जाने कब आएगी वो सावन की बरखा। आने दो सावन की बरखा हम भी ऐसे पेड़ लगाएगें। आने वाली पिढियां बेठ पेड़ों के निचे ज्ञान की ज्योत जगाएगें। ज्योतिर्मय यह होगी समाज हमारी भगवामय सुरज संग ध्वजा फहराएंगे। अन्तिम ईच्छा बस ईक हमारी इस भूलोक में अपना परचम लहराएगें।।:::: लेखक ::::
रामेश्वर राय देवासी
निश्चित ही आपको यह कविता अच्छी लगी होगी । यह कविता हमारे समाज के ही भाई-बंधू ने लिखी हैं, हम सबको ऐसी प्रतिभा का सम्मान करना चाहिए। ऐसे लोग अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को विकसित और जागृत करने का प्रयास कर रहे हैं ,
यह बात सही भी हैं कि "तलवार से तेज धार कलम की होती हैं।"
हमारी टीम की ओर से देवासी समाज पर लिखी इस सुन्दर कविता के रचनाकार भाई रामेश्वर जी को बधाई और धन्यवाद ।
हम आप सभी से यह आग्रह करते हैं कि अगर आपके पास खुद के द्वारा लिखी देवासी समाज की कविताएँ, लेख, कहानियाँ और इतिहास से सम्बन्धित जानकारी हो तो आप हमें भेज सकते हैं।
अगर आपके विचार समाज के लिये वाकई शानदार है तो हम जरूर इसे वेबसाइट पर प्रस्तुत करेंगे।
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