चेत देवासी चेत जमानो चेतण रो आयो- चेत देवासी चेत जमानो चेतण रो आयो लोकतत्रं देश मे आयोदेवासी तू राजनीति मे क्यो नही आयो|| सगला पढगा तू क्यो नही पढं पायो अपणे आप ने समझ तु सिंहणी रो जायो|| चेत देवासी चेत जमानो चेतण रो आयो..... अबै जागो पर टाबरिया ने अधूरा पढबा लागो| समझ अब अधूरी पढाई है काचो धागो|| बालपणै रो ब्याह छोडने अब तो जागो| अपणो खुदरो वजूद बणाओ लोगो पीछे मत भागो|| थे दुजौ री छाया क्यो जियो|| अपणौ वोट दूजा रे कहणे दियो| अबै पढ ले देवासी जमानो पुराणो गयो|| चेत देवासी चेत जमानो चेतण रो आयो.... अपणा घर का बारै बैठा दुजा ने क्यो बुलवायो | शर्म कर देवासी घर रो हर्चो दुजा सु करवायो|| मिनकिया ने तु दुध रखवालो बिठवायो| समझो देवासी सॉरी ग्रुप थानै थोडो समझावे।। चेत देवासी चेत जमानो चेतण रो आयो.....
गोरधन गौगल जाडन ।।।।।।।...
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देवासी समाज की अपनी वेबसाइट dewasisamaj.com के लेखकों और पूरी टीम की ओर से गोरधन जी देवासी का तहेदिल से स्वागत और धन्यवाद ।
गोरधन जी देवासी ने अपनी सुन्दर रचना के माध्यम से समाज को एकता, शिक्षित और विकास के पथ पर अग्रसर करना चाहते हैं ।
गोरधन जी भाई साहब इस रायका समाज को बालविवाह और नशे से दूर रखने दी अपील कर रहे हैं ।
हमें गर्व हैं कि हमारे इस देवरूपी देवासी समाज में अपनी समाज का कोई भाई-बंधू समाज को विकसित करना चाहता हैं ।
हमारे तरफ से गोरधन जी देवासी को बधाई ।
हमें आशा है कि आप लोगो गोरधन जी के इन शब्दों का अनुकरण करके अपने दैनिक जीवन में इन गुणों को उतारने का प्रयास करोगे ।
।। धन्यवाद ।।
अगर आप किसी भी देवासी समाज बंधू द्वारा कोई कविता, गीत समाज के सम्बन्ध में लिखा हो तो हमें भेज सकता हैं ।
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